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पुरानी योजना को गति… नवी मुंबई में बनने वाले झारखंड भवन की लागत 22 करोड़ बढ़ी

नवी मुंबई के वासी में 159 करोड़ रुपए से 7 मंजिल झारखंड भवन बनेगा । इसके निर्माण में लेकर आयी बाधा अब दूर हो गई है। तीन साल में मार्च 2028 तक इसे बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2016 में तय हुआ था कि मुंबई में झारखंड के लोगों के लिए बेहतर आवासीय सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक भवन बने।

वर्ष 2018 में महाराष्ट्र सरकार से वासी, नवी मुंबई में 2577 वर्ग मीटर जमीन मिला था। लेकिन उस पर भवन बना नहीं है। बीते दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस भवन की आधारशिला रखी थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसकी शुरूआत नहीं हो सकी। 137 करोड़ रुपए का लागत तय हुआ था। उसमें कई तकनीकी अड़चनें आ गई थीं। उसमें मुंबई कॉस्ट इंडेक्स से दरों का समायोजन नहीं था और गैर अनुसूचित मद बाजार दर पर आधारित था। ऐसे कई अड़चनों को अब दूर कर लिया गया है। निर्माण के लागत को 22 करोड़ बढ़ाकर 159 करोड़ रुपए किया गया है। इसके लिए फिर से प्रशासनिक स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार किया गया है। भवन निर्माण विभाग के नए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है।

हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा झारखंड भवन

नवी मुंबई में बनने वाला झारखंड भवन 7 मंजिल का होगा। अबतक की स्वीकृति के अनुसार गुंबद और दीवारों पर सोहराई कला की पेंटिग्स रहेगी। सात मंजिला भवन में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के लिए वीवीआईपी सुइट्स, वीआईपी डीलक्स कमरे, डीलक्स कमरे, प्रदर्शनी हाल, सेमिनार हाल, व्यायामशाला, डाइनिंग क्षेत्र होगा। इस झारखंड भवन में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ छत पर गार्डेन, वर्षा जल संचयन आदि की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही झारखंड भवन हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा।

सांस्कृतिक व सामुदायिक केंद्र भी होगा

झारखंड भवन बन जाने के बाद देश की राजधानी दिल्ली के बाद देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में भी झारखंड सरकार का झारखंड भवन होगा। दिल्ली में दो झारखंड भवन होगा। नवी मुंबई में बनने वाला यह झारखंड भवन सिर्फ एक आवासीय संरचना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामुदायिक केंद्र भी होगा, जहां झारखंड की पारंपरिक कला, आधुनिक सुविधाएं और प्रवासी हित एक साथ जुड़े होंगे। इसके अलावा झारखंड भवन में लोगों को राज्य के इतिहास की झलक भी देखने को मिलेगी।

राज्य के मरीजों को मिलेगा रियायती दर पर कमरा

तीन साल में होगा पूरा, इलाज कराने मुंबई जाने वालों को होगा लाभ

नवी मुंबई के वासी में बनने जा रहे इस भवन में झारखंड से मुंबई इलाज के लिए आने वाले मरीजों को रियायती दरों पर आवास उपलब्ध होगा। झारखंड के प्रवासी मजदूरों के रहने भी इसमें इंतजाम रहेंगे।

ब्रांबे आवास खाली करने का नोटिस निवासी बोले- नया बनाकर दे निगम

रांची नगर निगम ने चिरौंदी ब्रांबे आवास में रहने वाले लोगों को नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में कहा गया कि भारी बारिश के कारण जर्जर हो चुके ब्रांबे आवास को तुरंत खाली कर सभी आश्रय गृह में शिफ्ट हो जाएं। यह आदेश नगर निगम प्रशासक ने जारी किया है।

इस पर ब्रांबे आवास में रहने वाले लोगों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जब से ये आवास जर्जर हुए हैं, तब से वे लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि पुरानी बिल्डिंग को गिराकर उसी जगह नया मकान बनाया जाए और सभी परिवार को उसमें शिफ्ट किया जाए। लेकिन नगर निगम, नगर विकास विभाग और सरकार ने अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों ने बताया कि बिल्डिंग की छतें टूट रही हैं। दीवारों में दरारें हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। काफी संख्या में गरीब परिवार यहां रहते हैं।

इतनी बारिश में नगर निगम के पास हमें शिफ्ट करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। सिर्फ आश्रयगृह का सहारा देकर निगम अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। वहां रह रहे लोगों ने चेतावनी दी कि अगर बिल्डिंग गिरती है या कोई दुर्घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी रांची नगर निगम की होगी। उन्होंने मांग की कि यथाशीघ्र जर्जर आवास को गिराकर उसी जगह नया मकान बनाकर दिया जाए। इस मांग को लेकर सुरेंद्र कुमार राम, अमित राम, बबलू राम, राजकुमार राम, अमर राम, रंजीत राम ने सहयोग की अपील की है।

ब्रांबे आवास की जर्जर हो चुकी दीवार।

“अगर आप भी अपना घर बनाना चाहते हैं तो संभल जाएँ और आज ही हमसे संपर्क करें क्योंकि हम देते हैं आपको एक ही जगह पर नक्शा बनवाने से लेकर पास करवाने और आपके सपनों का घर बनाने तक की सेवा, वो भी आपके बजट में।”

“अगर आप भी अपना घर बनाना चाहते हैं तो संभल जाएँ और आज ही हमसे संपर्क करें क्योंकि हम देते हैं आपको एक ही जगह पर नक्शा बनवाने से लेकर पास करवाने और आपके सपनों का घर बनाने तक की सेवा, वो भी आपके बजट में।”

टूट रहा घर बनाने का सपना, बिल्डिंग मटेरियल के कॉस्ट महीने भर में 20 प्रतिशत तक बढ़े, सीमेंट 60 रूपए हुआ महंगा

माइनिंग सेस लगाने से बढ़ रहे चिप्स के भाव, रॉ मटेरियल के कॉस्ट बढ़|

घर बनाना हर किसी का सपना होता है। लेकिन बिल्डिंग मटेरियल की बढ़ती महंगाई के कारण आम लोगों के सपने टूट रहे हैं। बालू तो महंगा मिल ही रहा है अब बिल्डिंग मटेरियल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं। सिर्फ एक से डेढ़ महीने में ही कीमतें 15-20% तक बढ़ गई हैं।

सीमेंट के भाव पिछले माह के शुरुआत तक 340 रुपए थे जो अब बढ़कर 390 रुपए पर आ गए हैं। वहीं, 7.50 रुपए प्रति पीस मिलने वाला ईंट 10 रुपए प्रति पीस हो गया है। इसी तरह चिप्स, बालू, छड़ की कीमतें भी बढ़ी हैं। कीमतें बढ़ने के कारण बिल्डरों ने भी काम धीमा कर दिया है। क्रेडाई के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि रॉ मटेरियल के भाव में लगातार इजाफा होने से कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि माइनिंग में सेस लगाए जाने के बाद से चिप्स के दाम भी बढ़ रहे हैं। रॉ मटेरियल में पत्थर, लाइम स्टॉन आदि के भाव 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। वहीं, बारिश के कारण ईंटे भी गीली रह जा रही है।

घर-फ्लैट की बिक्री काफी घट गई : विजय

क्रेडाई अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि इस समय घर-फ्लैट का सेल काफी डल चल रहा है। बरसात के कारण बिक्री कम है। बालू समेत कई बिल्डिंग मटेरियल के भाव बढ़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि 15 जून के बाद एनजीटी का रोक लग जाने के बाद से बालू की कमी होने लगेगी। इस कारण अभी बालू के भाव में तेजी है। आम लोगों को घर

सीमेंट के बढ़ते भाव पर कोई कंट्रोल नहीं :

बिल्डर अमित अग्रवाल ने कहा कि सीमेंट की कीमतें आसमान पर हैं। सीमेंट कंपनियां एक-दूसरे से मिलकर जब चाहें दाम बढ़ा देती हैं। भाव को कंट्रोल करने में सरकार का कोई मैकेनिज्म नहीं है। बरसात के कारण ईंट की कीमतें भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि घर बनाने का खर्च 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है। बिल्डरों को कीमतें बढ़ने से काफी नुकसान

काम और स्लो हो जाएगा : मुकेश

बिल्डर मनोज पांडे ने बताया कि अभी घर-फ्लैट की बिक्री कमजोर पड़ी हुई है। बालू की नीलामी सही तरीके से नहीं होने के कारण रेट बढ़ी हुई है। बारिश के मौसम में काम तो स्लो रहता ही है। मटेरियल कॉस्ट बढ़ने से काम और स्लो हो जाएगा। इसका असर लेबर पर भी पड़ेगा। सभी बिल्डर के लिए बिल्डिंग बनाने का कॉस्ट 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

मटेरियल अप्रैल मई

सीमेंट 330-340 रुपए बोरी 380 से 390 रुपए बोरी

ईंट 7 से 7.50 रु प्रति पीस 9.50 से 10 रु. प्रति पीस

चिप्स 40 से 45 रुपए सीएफटी 50 से 50 रु. प्रति सीएफटी

टीएमटी 51 से 53 रुपए किलो 57 से 60 रु. प्रति किलो

बालू 38 से 40 हजार रुपए 44 से 46 हजार रु. प्रति हाइवा

मटेरियल की कीमतें

Griham Genie LLP,
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